विकिलीक्स ने एक और सनसनीखेज खुलासा करते हुए 2008 के इंडो-यूएस न्यूक्लियर डील पर दाग लगा दिया है। खुलासे में कहा गया कि यूपीए सरकार ने विश्वास मत हासिल करने के लिए सांसदों की खरीद-फरोख्त की थी और चौधरी अजित सिंह की पार्टी आरएलडी के सांसदों को 10-10 करोड़ रुपये मिले भी थे। विकिलीक्स के ताजा खुलासे के बाद मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी और लेफ्ट पार्टियों ने संसद में इस मुद्दे पर सरकार से जवाब मांगा है। विकिलीक्स के खुलासे के बाद शिवसेना ने कहा है कि उसके सांसदों को भी यूपीए सरकार के ’ मैनेजरों ’ ने ऐसा ही ऑफर दिया था। पार्टी के नेता संजय राउत ने कहा कि हमारे सांसद पार्टी के प्रति वफादार हैं, इसलिए उन्होंने ऑफर ठुकरा दिया था।
विकिलीक्स के अनुसार जब डील पर वोटिंग में सिर्फ 5 दिन रह गए थे तो कांग्रेस के नेता सतीश शर्मा के सहायक नचिकेता कपूर वोटिंग में कुछ सांसदों को अपने पक्ष में करने के लिए भारी फंड की व्यवस्था में लगे थे। सतीश शर्मा को गांधी परिवार का करीबी माना जाता है। सतीश शर्मा ने एक यूएस डिप्लोमेट से कहा था कि उनकी पार्टी न्यूक्लियर डील के लिए जी-तोड़ प्रयास कर रही है। वहीं नचिकेता ने कहा था कि पैसे की समस्या नहीं है, चिंता इस बात की है कि वोट सही दिशा में पड़े। अमेरिकी दूतावास के एक कर्मचारी ने उनके पास दो पेटी कैश भी देखे थे जिसमें करीब 50 से 60 करोड़ रुपये थे। विकिलीक्स के अनुसार अजित सिंह की पार्टी आरएलडी के चार सांसदों को खरीदने के लिए 10-10 करोड़ रुपये दिए गए थे।
लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने सरकार पर सीधे आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार बचाने के लिए कांग्रेस ने आरएलडी सांसदों को रिश्वत दी थी,जिस वजह से आरएलडी सांसद विश्वासमत के दौरान संसद में मौजूद नहीं थे। सुषमा ने कहा कि इस सरकार को अब सत्ता में बने रहने का कोई हक नहीं है। उन्होंने कहा कि इस खुलासे लोकतंत्र शर्मशार हुआ है, ये देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जिन सांसदों को घूस मिले हैं उनके नाम उनके पास मौजूद हैं। हंगामें की वजह से दोनों सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। जबकि आरएलडी के प्रमुख अजीत सिंह ने विकिलीक्स के खुलासे का खंडन किया है। अजीत सिंह ने कहा कि जिस समय का ये मामला है तब उनके केवल तीन सांसद थे।
साभार- प्रवासी दुनिया
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