नित नए आदर्शों की स्थापना हमारे लिए कोई नई बात नहीं है, यह हमारी राष्ट्रीय लत है जिसे हम नाना प्रकार की सर्जना के माध्यम से अभिव्यक्त करते रहते हैं। इसी कड़ी में हमने एक आदर्श और स्थापित किया है, आदर्श हाउसिंग सोसाइटी घोटाला। यह कई मायनों में ‘आदर्श’ घोटाला है और इतिहास में दर्ज किये जाने योग्य है।
आज़ादी के बाद से अब तक पिछले बासठ वर्षों में शहीदों के प्रति हमारी भावनाएँ उनकी चिताओं पर मेले लगाने तक सीमित रहीं हैं, मेले को लूट खाने का इरादा हमने प्रत्यक्ष में कभी ज़ाहिर नहीं किया, ना ही इस मामले में कोई बड़ा आदर्श स्थापित किया है, लेकिन आदर्श हाउसिंग सोसाइटी घोटाले ने यह आदर्श भी स्थापित कर दिया। हमने शहीदों की चिताओं पर मेला लगाने के बहाने मेला ग्राउंड मंे बिल्डिंग तानकर उसके फ्लेट लूट के माल की तरह आपस में बाँट खाए।जितनी ऊँची आदर्श सोसाइटी की बिल्डिंग उतना ही ऊँचा घोटाला, सो घोटाले में ऊँचाई का आदर्श भी इतिहास में प्रथमतः ही स्थापित हुआ है। अर्थात खुदगर्ज़ी के नए प्रतिमान स्थापित करने के लिए हम कितनी ऊँचाई तक जाकर नीचे गिर सकते हैं हमने बता दिया है। कोई बताए अगर इससे ज़्यादा ऊँचाई से पहले कभी गिरा गया हो!
जाति, धर्म, भाषा, प्रांत से ऊपर उठकर हमने जिस तरह से मिलजुल कर यह घोटाला अन्जाम दिया है उससे सही मायने में राष्ट्रीयता की भावना की अभिव्यक्ति हुई है। कोई माई का लाल यह कह नहीं सकता कि महाराष्ट्र के मराठियों ने, मात्र मराठी शहीदों के लिए बिल्डिंग का आदर्श खड़ा किया और मराठियों ने ही उसे आपस में बाँटकर खा लिया। जो भी हमारे पास दादागिरी के वांछित भाव के साथ आया हमने निरपेक्षता की पूरी रक्षा करते हुए घोटाले में उसे बराबरी का हिस्सा दिया, चाहे वह देश के किसी भी कोने से आया हो।
20.11.2010 को दैनिक हिन्दुस्तान में प्रकाशित
आदर्श हाउसिंग सोसायटी घोटाला मामले में महत्वपूर्ण दस्तावेज शहरी विकास विभाग से लापता हैं ।
पुलिस विभाग के सचिव गुरूदास बाज्पे द्वारा मैरीन ड्राइव पुलिस को बीती रात दस्तावेजों के लापता होने की लिखित शिकायत करने के बाद पुलिस ने इस संबंध में चोरी का मामला दर्ज किया है ।
डीसीपी चेरिंग दोरजे ने बताया,‘‘हमने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है । शहरी विकास विभाग के अधिकारियों के अनुसार, आदर्श हाउसिंग सोसायटी से संबंधित दस फाइलों में से कई दस्तावेज लापता हैं ।’’ करोड़ों रूपये के इस घोटाले की जांच कर रही सीबीआई के संज्ञान में यह बात लायी गयी है ।
एक वरिष्ठ सीबीआई अधिकारी ने बताया,‘‘विभाग ने हमें आदर्श सोसायटी से संबंधित दस फाइलें सौंपी थीं । जांच के दौरान हमने महसूस किया कि चार नोटिंग पेपर फाइलों में से गायब हैं । हम विभाग के संज्ञान में यह बात लाए।’’ अधिकारी ने बताया कि इन कागजों में राज्य सरकार के अधिकारियों तथा मुख्यमंत्री की टिप्पणियां हैं।
दोरजे ने बताया,‘‘ जांच जारी है । हम शहरी विकास विभाग के अधिकारियों से पूछताछ कर रहे हैं।’’ आदर्श हाउसिंग सोसायटी मूल रूप से कारगिल युद्ध के नायकों तथा युद्ध विधवाओं को आवास मुहैया कराने के लिए छह मंजिला इमारत के रूप में बननी थी। लेकिन इसे कई कानूनों का उल्लंघन करते हुए 31 मंजिला इमारत में बदल दिया गया और इसके फ्लैट नौकरशाहों, राजनेताओं के रिश्तेदारों तथा रक्षा अधिकारियों को आवंटित कर दिए गए ।
आदर्श हाउसिंग सोसायटी घोटाला
इस वर्ष उजागर हुए घोटालों में मुंबई का आदर्श हाउसिंग सोसायटी घोटाला भी काफी चर्चा में रहा। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को अपनी कुर्सी गंवाकर इसकी कीमत चुकानी पड़ी। चौतरफा दबाव के चलते चव्हाण से इस्तीफा लिया गया और पृथ्वीराज चव्हाण को सीएम का पद सौंपा गया। आदर्श घोटाले में भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी का भी नाम उछाला गया। खबरें थी कि हाउसिंग सोसायटी में गडकरी का भी फ्लैट था। हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
दरअसल, कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों की विधवाओं के नाम पर आदर्श हाउसिंग सोसायटी का निर्माण किया गया था। लेकिन उन विधवाओं को फ्लैट आवंटित होने के बजाए बड़े-बड़े सैन्य अफसरों और खुद नेताओं के परिजनों को फ्लैट दे दिए गए।
फ्लैट पाने वालों की सूची में एक नाम महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण की सास भागवती मनोहर लाल शर्मा का भी है, जिन्हें सीएम ने अपने प्रभाव से यहां फ्लैट दिलवाया।
8.5 करोड़ के फ्लैट दे दिए 85 लाख में
आदर्श सोसायटी के फ्लैटों पर न केवल जबरन कब्जे हुए, बल्कि इस बेशकीमती जमीन पर बने शानदार फ्लैट कौडियों के मोल दे दिए गए। करीब साढ़े आठ करोड़ रूपए कीमत वाले ये फ्लैट सदस्यों को 60 से 85 लाख रूपए तक में मिल गए। मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक, 60 से 85 लाख रूपए तक में इस सोसाइटी में फ्लैट दिलवाना भाई-भतीजावाद का दु:खद नमूना है।
जमीन की कीमत 60 हजार रू. वर्ग फुटगौरतलब है मुंबई के बेहद पॉश इलाके की यह जमीन होटल ताज प्रेजिडेंट की ही लाइन में है। इसके सामने अंबानी की मशहूर सीविंड बिल्डिंग है। यहां जमीन का मूल्य 60,000 रूपए वर्गफुट से भी ज्यादा है। औसत 2 या 3 बेडरूम हॉल किचेन फ्लैट की कीमत यहां 6.5 से 8.5 करोड़ रूपए पड़ती है। इस सोसाइटी के सदस्यों में वरिष्ठ सैन्य अधिकारी, पूर्व पर्यावरण मंत्री, विधायक और राज्य के नौकरशाहों सहित 104 लोग शामिल हैं।
सीबीआई कर रही है जांच
मामले की जांच सीबीआई कर रही है। हाल ही में सोसायटी के दफ्तर से कई अहमद दस्तावेज गायब हो गए थे। सीबीआई इस बात की जांच कर रही है कि महानगर के पॉश इलाके कोलाबा में कारगिल युद्ध के नायकों और शहीदों की विधवाओं के लिए बनने वाले फ्लैट सेना के आला अधिकारियों, वरिष्ठ नौकरशाहों, मंत्रियों और विधायकों को कैसे आवंटित कर दिए गए। जांच का अहम पहलू यह भी है कि छह मंजिला सोसाइटी 31 मंजिला इमारत में कैसे बदल गई। फ्लैट जिन लोगों को आवंटित किए गए हैं, उनमें पूर्व थलसेना प्रमुख जनरल एन सी विज और जनरल दीपक कपूर का नाम भी शामिल है।
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